जैसलमेर – रेगिस्तान का सुनहरा शहर

Jaisalmer desert city

थार रेगिस्तान के सुनहरे रेत के बने पहाड़ों को अगर आप महसूस करना चाहते हैं, तो जैसलमेर आपकी सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए। सम के नाम से मशहूर यहाँ का सबसे बड़ा टीला 3-5 किमी के क्षेत्र में बिना पौधों वाली शुद्ध रेत का बना है।  सुबह और शाम के वक्त, रेगिस्तान के टीलों पर उगते और डूबते सूरज का आनंद, आप अपने साथी के साथ, हाथों में हाथ डाल, इन टीलों में बैठ कर ले सकते हैं। 

एडवेंचर 

Tent camping in jaisalmer

अक्टूबर से मार्च के बीच यहाँ आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ, वातानुकूल टेंट में कैंपिंग का आनद ले सकते हैं। साथ में मिले अगर रेगिस्तान के जहाज पर सैर, यानी कैमल सफारी या फिर, जीप में मीलों सुनहरे रेगिस्तान की सैर, तो बात ही क्या है। इस एडेंचर ट्रिप में शाम को जुड़ जाता है, मनोरंजन का तड़का, जब होता है शानदार राजस्थानी लोक नृत्य और संगीत। सभी प्रबंध बहुत ही आलीशान तरीके से किए जाते हैं, मानो जैसे आपको एक राजा और रानी होने का अहसास दिला रहा हो।

जैसलमेर फोर्ट
Jaisalmer fort

सबसे आकर्षक है, जैसलमेर का किला। इस विशाल पहाड़ी किले के पीछे है, अलंकृत महाराजा का महल और जटिल नक्काशीदार जैन मंदिर। सुनहरे रंग के जुरासिक बलुआ पत्थर से बना यह किला सुनहरी रेत के महल जैसा दिखता है। इस किले में सैर करते हुए आपको अहसास होता है 12वीं शताब्दी में राजपूत शासक रावल जैसल की सुरक्षा नीति का। डबल-फोर्टिफाइड रास्ता और गोल आकार के बुर्ज और उस पर आश्चर्यजनक वास्तुशिल्प डिजाइन आपको मन मुग्ध कर देगी। 

लहरिया - रेगिस्तान में बहती रंग

लहरिया - रेगिस्तान में बहती रंग

इसका मॉडर्न अवतार भी निराला है, कहीं घाघरे से निकल कर पहुंच गया यह लहंगों, सूटों और ड्रेसेस पर और कहीं राजस्थान के राजाओं की पगड़ियों से खुल के सज गया यह स्कार्फ और स्टोल पर। बदलते फैशन के साथ लहरिया ने भी अपना स्वरूप बदला है।कहते हैं, अगर आप राजस्थान आए और आपने लहरिया न खरीदा तो आपकी यात्रा पूरी नहीं समझी जाती। उदयपुर और जैसलमेर की मनमोहक दुनिया आपको पहले ही बुला चुकी है और उसमें घुलती यह रंगों की लहर। अब किस का इंतजार, पधारो मारे देश