मदहोशी के कुछ पल गिली आइलैंड पर 

बिताने हों कुछ मस्ती और मदहोशी के पल तो निकल चलें हमारे साथ गिली आइलैंड के सफर पर। गिली आइलैंड्स को दक्षिण एशिया की खूबसूरत हॉलिडे डेस्टिनेशंस में से एक माना जाता है। गिली तीन आइलैंड्स का समूह है जहाँ आपको दुनिया के हर रंग का आनंद मिलेगा। इसीलिए तो ये दक्षिण एशिया की ‘पैराडाइस’ कहलाते हैं। इतनी प्रसिद्धि के बावजूद भी ये आरामदायक और शांत वातावरण को संरक्षित करते हैं। हमारी माने तो बाली का ट्रिप इन आइलैंड्स को देखे बिना तो कभी पूरा हो ही नहीं सकता। तो चलो जानते हैं इनके बारे में, कुछ और…

गिलीस बाली के ठीक बगल में, लोम्बोक के कुछ ही दूर तीन छोटे द्वीपों का समूह है:

गिली मेनो

बिताने हों कुछ मीठे पल अपने जीवन साथी के संग तो गिली मेनो से अच्छी भला होगी कौन सी और जगह। गिली मेनो इन तीनो आइलैंड्स में से सबसे छोटा और सबसे शांत है। यदि हो समय कम और है आपको शान्ति और ख़ूबसूरती से प्यार तो यही है आपके लिए सही चॉइस। इस आइलैंड पर बहुत ही कम लोग हैं, कम शोर है और कहा जाता है कि यह हनीमून के लिए एकदम सही जगह है। ये है ‘हनीमूनर्स का पैराडाइस’। 

गिली ट्रावांगन 

है पार्टी करने का शौक और है मस्ती में रहना तो पहुँच जाना यहाँ क्योंकि पार्टी करने वालों का है सबसे बड़ा अड्डा यहाँ। गिली ट्रावांगन को गिली टी के नाम से भी जाना जाता है। यह द्वीप तीनों द्वीपों में सबसे बड़ा है और रहती है पर्यटकों की भीड़, हमेशा यहाँ। अरे! क्यों ना हो? पार्टी तो सबको पसंद होती है ना। मदमस्त कर देने वाला यह छोटा सा द्वीप की आप पैदल परिक्रमा कर सकते हैं और वह भी केवल दो घंटो में। यहाँ कोई मोटर गाडी नहीं है क्योंकि यहाँ के लोग इसकी ख़ूबसूरती को नहीं करना चाहते हैं ख़राब। जब यहाँ पहुँच जाएँ तो ले लेना एक घोडा गाड़ी अपने होटल के लिए और फिर कर लेना इस आइलैंड की सैर पैदल या फिर साइकल पर। हमारी सलाह मानें तो दिन में करना जम कर आराम और रात में करना पार्टी ज़बरदस्त। हर जगह आपको गानों और मदहोशी का मिलेगा माहौल। आज भी रौंगटे खड़े हो जाते हैं मेरे, करके उस सफर को याद। 

गिली एयर

आखरी लेकिन किसी से कम नहीं है, गिली एयर, और जो है हमारा पसंदीदा भी! जब लेना हो दोनों द्वीपों का मज़ा एक में, तो यही है आपके लिए राइट चॉइस। यहाँ आपको मिलेंगी कुछ ख़ास बार और रेस्टोरेंट, और उनमे होने वाली जबरदस्त पार्टियाँ।  लेकिन सबसे अच्छी बात है ये कि यहाँ पर्यटकों की भीड़ होगी कम। तो है ना ज़बरदस्त मिश्रण। ये छोटा सा द्वीप समेटे हुए है अपने आप में शान्ति और मस्ती का माहौल। 

क्यों हैं ये गिली आइलैंड्स इतने ख़ास?

गिली तीन छोटे द्वीपों का समूह है, पर फिर भी है हर यात्री के लिए ख़ास है। तो आइए जानते हैं कि क्यों हैं ये इतने ख़ास? समुन्दर का बिलकुल साफ़ और नीला पानी, खाना एक दम ताज़ा और हट कर और कोई मोटर वाहन नहीं है यहाँ। ये सब बनाते हैं इसे जनत के समान। साफ़, सुन्दर और बिना किसी प्रदूषण के यहाँ मिलता है प्रकृति और पार्टी का संगम। और सबसे मज़े की बात तो यह है कि गिली में किसी भी चीज़ की कोई रोक टोक नहीं है। हर कोई जो चाहता है वही करता है और कोई किसी को जज नहीं करता है यहाँ।  

सलाह के कुछ शब्द 

क्यों पहुँच गए ना एक अलग ही दुनिया में आप? जहाँ हो बस एक छोटा सा आशियाना अपने साथी के संग, वोही तो है असली जन्नत, और क्या! अरे निकल पड़ें क्या अभी से इस सुनहरे सफर पर। यहाँ आप बाली से क्रूज़ के ज़रिए पहुँच सकते हैं और आपको पहले से बोट की कोई बुकिंग कराने की आवश्यकता नहीं है। यहाँ पहुँचना बहुत ही आसान है। मगर अपना होटल बुक करना ना भूलें, क्यूंकि एक अच्छा होटल ही हमें दिल को लुभाने और आराम का एहसास दिलाता है। हम ठहरे थे गिली ट्रावांगन के स्केलीवेग्स नामक होटल में, जो हार्बर के बहुत पास था और हम बिना किसी गाड़ी के चल कर ही पहुँच गए थे वहाँ। और एक ज़रूरी बात यहाँ हो सके तो रमज़ान के महीने में मत जाना क्योंकि उस समय यहाँ पार्टियाँ बहुत कम होती हैं। यहाँ के सब लोकल लोग मुसलमान हैं और रमज़ान के समय सब फ़ास्ट रखते हैं। 

बस अब ना करें इन्तेज़ार, करलें टिकट बुक और भरें उड़ान सीधा बाली के आलिशान सफ़र की…

दिलकश माहौल से परिपूर्ण हैं,
पार्टी से सजी, यहाँ की शामें हैं,
अगर खुशियों भरे पल की तलाश है,
तो गिली आपके लिए कुछ खास है.

उबुद : बाली की जान और शान 

उबुद : बाली की जान और शान 

याद आते हैं वो पल जो बिताए हमने उन खूबसूरत फ़िज़ाओं में अपने परिवार के संग। याद आती हैं वो शामें जब लिए हमने ठंडी हवाओं के मज़े बेहतरीन कॉफ़ी के संग। कहने वालों ने शायद सही ही कहा है कि ‘उबुद’ बाली की आत्मा हैहम्म…. तो पड़ गए ना सोच में! बाली है ही ऐसा जो देता है एक साथ सब चीज़ों का मज़ा। करनी हो मस्ती, पार्टी और फिर लेना हो चैन का मज़ा तो भला इस से बेहतर कौन सी होगी जगह?

लेम्बोंगन – बाली का खूबसूरत आइलैंड

लेम्बोंगन – बाली का खूबसूरत आइलैंड

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं, नूसा लेम्बोंगन की। एक ऐसा आइलैंड जिसमें खुशियों की सौगातें सजी हुई हैं। अगर शौक है आपको खूबसूरत बीच का, तो यहाँ तो मानो खजाने हैं आपके लिए। इस अद्भुत द्वीप में अविश्वसनीय समुद्र तटों की एक विस्तृत श्रृंखला है जो कर रही है आपका इंतज़ार। नरम, सफेद रेत, मचलती चट्टानें, शांत फ़िरोजी पानी और एक उन्मुक्त सर्फ ब्रेक के बारे में सोचें।

बाली – उड़ के जाएँ और रहें शान से

बाली – उड़ के जाएँ और रहें शान से

बाली के द्वीपों और समुंदरी तटों की बात ही निराली है तो फिर इनको देखने के लिए इंतज़ार क्यों? बजट फ्लाईट से जाएँ, या सीधे पहुँचे आप यहाँ। बात सिर्फ इतनी सी है कि सीधी फ्लाइट पड़ती है महंगी और समय की ना हो चिंता तो सस्ती भी मिल सकती है फ्लाइट यहाँ की।बाली में देखने को बहुत है, और चौदह दिन भी हमारे लिए कम पड़े। तो आप सोच लीजिए। आपको क्या छोड़ना है और किस का लेना है मज़ा यहाँ।बिलकुल, आखिर ज्यादा दिन बिताने हों, तो कहीं तो खर्चा बचाना पड़ेगा।

मस्ती और मज़े की नगरी बाली 

मस्ती और मज़े की नगरी बाली 

नीला समंदर, सफ़ेद रेत और उस पर नाचती पानी की तेज़ लहरें को देख, भला कोई खुद को कैसे रोके। आपने भी अगर लेना हो, कुछ ऐसा ही सपनों की नगरी का मज़ा, तो चलिए मेरे साथ मेरी मनपसंद हॉलिडे डेस्टिनेशन पर...बाली अद्वितीय है, बाली बेजोड़ है बाली जैसी जगह इस दुनिया में और कोई नहीं है। संस्कृति, लोगों, प्रकृति, गतिविधियों, मौसम, पाक प्रसन्नता, नाइटलाइफ़ और सुंदर आवास का जादुई मिश्रण!

चलना है जैसलमेर तो करे पैकिंग

चलना है जैसलमेर तो करे पैकिंग

कपड़ों की आपकी चॉइस तय करती है आपका व्यक्तित्व। वो कहते है ना कि सुनो सबकी पर करो मन की। हम तो करते हैं इस पर घना विशवास और होते हैं तैयार अपने तरीके के साथ। पर कभी-कभी समाज के हिसाब से भी चलना पड़ता हैजा रहें हैं मिट्टी के प्रदेश तो होने चाहिए रंग मिट्टी से जैसे सफेद, बेज, ग्रे, टेराकोटा, भूरा आदि। बहुत लोग आपको काले रंग के कपड़ों पहनने की देंगे सलाह ताकि ज़्यादा गंदे न हों आपके कपड़े वहाँ।

जैसलमेर में क्या है करना सबसे ज़रूरी 

जैसलमेर में क्या है करना सबसे ज़रूरी 

जैसलमेर में खुशियाँ अपार ,क्या पहुँच गए आप जैसलमेर में? क्या कहाँ, हाँ…पर करोगे क्या वहाँ? घबराएँ मत। हम हैं ना, बताते हैं आपको खुशगवार लम्हों को जैसलमेर में जीने के साधन। राजस्थान के राजाओं की सवारी जिसे युद्ध में आज भी उपयोग करती है भारतीय सेना और बीएसएफ। लेना नहीं चाहेंगे, रेगिस्तान के इस जहाज का मज़ा। रेतीली पहाडियों पर ऊंट पर बैठ घूमने का मज़ा ही अलग है। भूलिएगा नहीं!